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Wednesday, 10 October 2012






हार्ट से जुड़ी कोई भी प्रॉब्लम होने पर छोटी सी असावधानी से बड़ी बीमारी हो सकती है। इसलिए हार्ट का विशेष रूप से ध्यान रखना बहुत जरूरी है ताकि दिल हमेशा स्वस्थ रहे। दिल को स्वस्थ रखने के लिए योगासन की मदद अवश्य लें। इसके लिए हमें शशकासन करना चाहिए इस आसन की पूर्ण अवस्था में हमारी आकृति शशकअर्थात् खरगोश के समान हो जाता है, इसलिए इसे शशकासन कहते हैं।





शशकासन की विधि- किसी साफ  जगह पर चटाई बिछाकर बैठ जाएं। दोनो पैरों को घुटनों से मोड़कर पीछे की ओर नितम्ब (हिप्स) के नीचे रखें और एडिय़ों पर बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर करें। इसके बाद सांस को बाहर छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते हुए सांस को बाहर निकालें। दोनो हाथों को आगे की ओर फैलाते हुए हथेलियों को जमीन पर टिकाएं। अपने सिर को भी जमीन पर टिकाकर रखें। आसन की इस स्थिति में आने के बाद कुछ समय तक सांस को बाहर छोड़कर और रोककर रखें। फिर सांस लेते हुए शरीर में लचक लाते हुए पहले पेट को, फिर सीने को, फिर सिर को उठाकर सिर व हाथों को सामने की तरफ करके रखें। कुछ समय तक इस स्थिति में रहे और फिर सीधे होकर कुछ समय तक आराम करें और इस आसन को 4-5 बार करें।





शशकासन के लाभ- यह आसन हृदयरोगियों के लिए काफी फायदेमंद है। इस आसन से फेफड़ों में स्वच्छ हवा पहुंचने से फेफड़े स्वस्थ बन जाते हैं। इससे आंते, यकृत आदि भी स्वस्थ होते हैं। इस आसन से नसें-नाडिय़ां स्वस्थ व लचीली होकर सुचारू रूप से कार्य करती है। साइटिका में लाभदायक है। यह आसन कब्ज को दूर करता है तथा सामान्य रूप से कामविकारों को दूर करता है। यह आसन महिलाओं के लिए भी लाभकारी है।जिस अंग पर हमारा पूरा शरीर चलता है वह है हमारा दिल। दिल से ही सभी अंगों में रक्त का संचार होता है।

शनि अस्त: किन राशियों को मिली शनि से मुक्ति, कौन होगा मालामाल

न्यायप्रिय ग्रह शनि अपनी ही उच्च राशि में अस्त हो गए हैं। सूर्यदेव के प्रभाव में आकर शनि के अस्त होने से आपकी राशि पर कैसा असर रहेगा जानिए...

शनिदेव अभी उच्च राशि तुला में परिभ्रमण कर रहे हैं, जो 9 अक्टूबर की अलसुबह 5.50 बजे अस्त हुए हैं और 8 नवंबर को उदय होंगे। इस अवधि में शनि को खुश करने वालों पर उनकी कृपा बरसेगी। खासकर साढ़ेसाती, ढय्या वालों को शनि के कुप्रभाव से राहत मिल जाएगी। सौर मंडल में शनि को न्यायप्रिय ग्रह का दर्जा प्राप्त है। इस समय नीतिगत कार्य करने वालों की उन्नति संभव होगी लेकिन जैसे ही शनि उदय होंगे, वे पुन: अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देंगे।

कैसे हुआ शनि अस्त... सौर मंडल का कोई भी ग्रह सूर्य के अति निकट आ जाता है तो उसे अस्त कहते हैं। सूर्य की रश्मियों (रोशनी) के प्रभाव में आकर वह ग्रह निष्फल हो जाता है। पृथ्वी पर इसका सीधा असर पड़ता है। शनि अभी सूर्य के अत्यंत निकट होकर अस्त रहेंगे।

मेष - इस राशि के लिए शनि का अस्त होना शुभ रहेगा। कार्यों में सफलता और उन्नति के योग बन रहे हैं।

वृषभ - वृष राशि वालों के लिए यह समय सफलता दिलाने वाला रहेगा। पुराने अटके हुए कार्यों से लाभ होगा।

मिथुन - बुध ग्रह की राशि के लोगों को शनि के अस्त होने से धन लाभ प्राप्त होगा और मान-सम्मान मिलेगा।

कर्क - इस राशि पर शनि का ढय्या चल रहा है। अत: इन लोगों को कार्यों में कठिन परिश्रम करना पड़ेगा।

सिंह - कुछ ही दिनों पूर्व इस राशि से शनि की साढ़ेसाती समाप्त हुई है, अत: शनि के अस्त होने से इन्हें और अधिक लाभ प्राप्त होंगे। शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी।

कन्या- कन्या राशि पर शनि की उतरती हुई साढ़ेसाती चल रही है और शनि अब अस्त हो गए हैं तो इन्हें कार्यों में रुकावटों का सामना करना पड़ेगा।

तुला - तुला राशि में शनि उच्च के रहते हैं और इस समय इस राशि के लोगों को शनि की साढ़ेसाती का मध्य भाग चल रहा है। शनि अस्त होने के कारण इन लोगों कठिन श्रम करना होगा, तभी सफलता प्राप्त होगी।

वृश्चिक - इस राशि पर कुछ दिनों पूर्व शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ हुई, अत: इन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। शनि के अस्त होने पर इन्हें कार्यों में पूरी ईमानदारी से मेहनत करना होगी वरना असफलता के योग हैं।

धनु - इन लोगों को कार्यों में सफलता प्राप्त होगी और मान-सम्मान मिलेगा।

मकर - शनि के इस राशि का स्वामी है और शनि के अस्त होने पर इन लोगों को ऐश्वर्य और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होगा।

कुंभ - कुंभ राशि वालों के लिए भी शनि का अस्त होना शुभ समय लेकर आया है। इन लोगों को कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।

मीन - इन लोगों के लिए अस्त शनि थोड़ी परेशानियों लेकर आया है। अत: सावधानी से कार्य करें, स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

Job Interview Dos and Don’ts 

इंटरव्यू में सफल होने के लिए क्या करें क्या ना करें?

Interview के  पहले :
  1. जिस  company में  job करना  है   उसमे    पहले  से  select होने  के  बारे  में  सोचें , law of attraction हर  जगह  काम  करता  है. :)
  2. कभी भी  कोई  तेज  गंध  का  deo या  perfume लगा  कर  interview में  ना  जाएं.
  3. Interview room में  जाने से पहले अपना  mobile  switch off कर  लें .
  4. Job advertisement को  भी  दो -चार  बार  ध्यान  से  देख  लें , यहाँ  से  आपको  interview में  क्या  पूछा  जा  सकता  है  इस  बात  का  अंदाज़ा  लग  सकता  है .
  5. Is series की दूसरी  post में  दिए  गए  tips पढ़  लें .
  6. Company की  website अच्छे  से  देख  लें .
  7. Interview venue पर  15-20 मिनट  पहले  पहुंचें , इससे  आप  की  nervousness कुछ  कम  होगी .
Interview के दौरान :
  1. पूरे   panel से  eye-contact बनाये  रखने  की  कोशिश  करें . किसी  एक  व्यक्ति  को  ही  ना  देखते  रहे .
  2. Question बड़े  ध्यान  से  सुनें , और  उसके  ख़त्म   होने  पर  ही  अपने  उत्तर  शुरू  करें  बीच  में  ना  टोकें
  3. अगर  answer के  बारे  में  बिलकुल  ही  ना  पता  हो  तो  “Sorry, I don’t know “ बोल  कर  इस  बात  को  accept कर  लें , कभी  भी  interviewer को  घुमाने  की  कोशिश  ना  करें .
  4. अगर  answer के  बारे  में  sure ना  हों , तो  आप  Interviewer की  अनुमति  लेकर  उसे  guess कर  सकते  हैं . या  कुछ  इस  तरह  से  कह  सकते  हैं , “ I am not sure but probably……” ,”मैं  sure नहीं  हूँ  पर  शायद …..”
  5. कभी  भी  अपने  previous employer / boss / college की  बुराई  ना  करें .
  6. याद  रखें  की  Interview में  जितना  बोलना  जरूरी  है  उतना  ही  सुनना . इसलिए  attentive हो  कर  questions सुनें .
  7. Interview के  दौरान  Chewing Gum या  candy ना  खाएं .
  8. Interview से  पहले  Cigarette ना  पियें .
  9. अगर  question ना  समझ  आये  तो  उसे  repeat करने  के  लिए  request करें . कभी  भी  बिना  question समझे  answer  ना  दें .
  10. अनावश्यक  रूप  से  जवाब  को  लम्बा  ना  करें .
  11. Salary के  बारे  में  खुद  से  बात  ना  छेड़ें .Generally, ये  बात  HR personnel से  होती  है .
  12. ऐसी  body language रखें  जिससे  ऐसा  लगे  कि  आप  सामने  वाले  की  respect करते  हैं  और  एक  confident individual हैं .
  13. Over smart बनने  का  प्रयास  मत  करें , जितना  पूछा  गया  है  उतना  ही  बताएं .
  14. कभी  भी  interviewer की  knowledge को  challenge ना  करें , कि  वो  गलत  है  , या  उसे  कम  पता  है .
  15. ये  ना  show करें   की  आप  इस  job के  लिए  बहुत  desperate हैं , और  किसी  भी  कीमत पर select होना चाहते  हैं .
  16. अगर  आपका  sense of humour अच्छा  है  तो  एक -आध  जगह  आप  इसका  use कर  के  माहाल  को हल्का  बना  सकते  हैं . पर  इसका  प्रयोग   एकदम  limited करें .
  17. अंत  में  panel को  thanks जरूर  करें .
Interview के बाद :
  1. Ensure कर  लें  की  follow up करने  के  लिए  आपके  पास  किसी  contact person की  details हैं .
  2. अगर  बताई  गए  date तक  कोई  response नहीं  आता  है  तो  follow up करें .
  3. Select ना  होने  पर  भी  contact person को  interview कराने  के   लिए  thanks करें .
CV related Dos and Don’ts : 
  1. अपने  CV की  3-4 printout ज़रूर  रखें . Panel का  हर  व्यक्ति  आपकी  CV मांग  सकता  है .
  2. Interview की  तैयारी   के  दौरान  अपनी  CV को  दो -चार  बार  ध्यान  से  पढ़ें . CV के  basis पर  कई  questions पूछे  जा  सकते  हैं .
  3. Check कर  लें  की  CV में  आपकी  contact details updated हैं , एक  बार  मैं  अपना  mobile no. change करना  भूल  गया  था . 

Wednesday, 26 September 2012

जानिए, भगवान श्रीगणेश के प्रमुख गणों के नाम

भगवान गणेशजी का उल्लेख ऋग्वेद के एक मंत्र (2-23-1) से मिलता है। चाहे कोई सा अनुष्ठान हो, इस मंत्र का जाप तो होता ही है...गणनां त्वा गणति हवामहे..। इस मंत्र में ब्रह्मणस्पति शब्द आया है। यह बृहस्पति देव के लिए प्रयुक्त हुआ है। बृहस्पति देव बुद्धि और ज्ञान के देव हैं। इसलिए गणपति देव को भी बुद्धि और विवेक का देव माना गया है। किसी भी कार्य की सिद्धि बिना बुद्धि और विवेक के नहीं हो सकती। इसलिए हर कार्य की सिद्धि के लिए बृहस्पतिदेव के प्रतीकात्मक रूप में गणेशजी की पूजा होती है।

गणेश पुराण में गणेशजी के अनेकानेक रूप कहे गए हैं। सतयुग में कश्यप ऋषि पुत्र के रूप में वह विनायक हुए और सिंह पर सवार होकर देवातंक -निरांतक का वध किया। त्रेता में मयूरेश्वर के रूप में वह अवतरित हुए।

धर्म शास्त्रों में भगवान गणेश के 21 गण बताए गए हैं, जो इस प्रकार हैं- गजास्य, विघ्नराज, लंबोदर, शिवात्मज, वक्रतुंड, शूर्पकर्ण, कुब्ज, विनायक, विघ्ननाश, वामन, विकट, सर्वदैवत, सर्वाॢतनाशी, विघ्नहर्ता, ध्रूमक, सर्वदेवाधिदेव, एकदंत, कृष्णपिंड्:ग, भालचंद्र, गणेश्वर और गणप। ये 21 गण हैं और गणेशजी की पूजा के भी 21 ही विधान हैं।

मूषक (चूहा) भगवान गणेश का वाहन है। गणेश का स्वरूप जितना विचित्र है उतना ही अजीब उनका वाहन है। शिवपुराण में प्रसंग आता है कि गणेश ने मूषक पर सवार होकर ही अपने माता-पिता की परिक्रमा की। कहां विशालकाय गणेश और कहां चूहे का छोटा-सा शरीर, कहीं कोई तालमेल ही नहीं। पुराण कहते हैं-

मूषकोत्तममारुह्यï देवासुरमहाहवे।

योद्धुकामं महाबाहुं वन्देऽहं गणनायकम्॥

पद्मपुराण, सृष्टिखंड 66/4

भावार्थ- उत्तम मूषक पर विराजमान देव-असुरों में श्रेष्ठ तथा युद्ध में महाबलशाली गणों के अधिपति श्रीगणेश को प्रणाम है।

भगवान गणेश के वाहन मूषक के बारे में कई प्राचीन कथाएं प्रचलित हैं। उसी के अनुसार गजमुखासुर नामक दैत्य ने अपने बाहुबल से देवताओं को बहुत परेशान कर दिया। सभी देवता एकत्रित होकर भगवान गणेश के पास पहुंचे। तब भगवान श्रीगणेश ने उन्हें गजमुखासुर से मुक्ति दिलाने का भरोसा दिलाया। तब श्रीगणेश का गजमुखासुर दैत्य से भयंकर युद्ध हुआ। युद्ध में श्रीगणेश का एक दांत टूट गया। तब क्रोधित होकर श्रीगणेश ने टूटे दांत से गजमुखासुर पर ऐसा प्रहार किया कि वह घबराकर चूहा बनकर भागा लेकिन गणेशजी ने उसे पकड़ लिया। मृत्यु के भय से वह क्षमायाचना करने लगा। तब श्रीगणेश ने मूषक रूप में ही उसे अपना वाहन बना लिया।

गणेशोत्सव: इस गणेश मंत्र से होगी तरक्की और मिलेगा लाभ


व्यवसाय में बाधा या नौकरी में तरक्की न होना किसी न किसी रूप में हर व्यक्ति को बैचेन और विचलित करती है, जो निजी जिंदगी से लेकर परिवार को भी प्रभावित करती है। इस परेशानियों से बचने के लिए श्रीगणेश की उपासना की उत्तम मानी गई है। यदि नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान से प्रतिदिन पूजन किया जाए तो आपकी हर समस्या का निदान तुरंत हो जाएगा।

मंत्र

वक्रतुंड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ:

निर्विघ्र कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा



भगवान गणेश को 108 पीले फूल एक-एक करके चढ़ाएं। हर बार इस मंत्र का उच्चारण करें। यह मंत्र निश्चित रूप से आपके व्यापार में सफलता और जॉब में प्रमोशन की कामना पूरी करेगा।

कुंडली में मंगल के EFFECTS से व्यक्ति हो सकता है कामुक


मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों का सेनापति माना गया है। इसी वजह से इसका प्रभाव भी काफी अधिक होता है। मंगल किसी भी व्यक्ति का स्वभाव पूरी तरह प्रभावित करता है। कुंडली में मंगल किस घर में स्थित है उसके अनुसार क्या फल रहते हैं जानिए...

प्रथम भाव में मंगल हो तो...

पत्रिका में मंगल प्रथम भाव में हो तो वह व्यक्ति क्रूर, साहसी, मूढ़, अल्पायु, अभिमानी, शूर, सुंदररूप वाला और चंचल हो सकता है।

द्वितीय भाव में मंगल हो तो...

ऐसा व्यक्ति निर्धन, कुरूप वाला, नीच लोगों के साथ रहने वाला होता है। वह व्यक्ति विद्याहीन अथवा कम बुद्धि वाला होता है जिसकी कुंडली के द्वितीय भाव में मंगल हो।

तृतीय भाव में मंगल हो तो...

पत्रिका के तृतीय भाव में मंगल हो तो वह व्यक्ति अजेय, भ्रातृहीन, सभी गुणों वाला प्रसिद्ध होता है।

चतुर्थ भाव में मंगल हो तो...

किसी भी व्यक्ति की कुंडली में मंगल चौथो घर में हो तो वह घर, वस्त्र और भाई-बंधु से हीन, वाहन रहित, दुखी होता है।

पंचम भाव में मंगल हो तो...

पांचवे भाव में मंगल होने पर वह व्यक्ति सुख, धन और पुत्र से हीन, चंचल बुद्धि, चुगलखोर, बुरे मन का और अशांत होता है।

छठे भाव में मंगल हो तो...

छठे भाव में मंगल हो तो वह व्यक्ति अतिकामी, सुंदर, बलवान, बंधुओं में श्रेष्ठ और समाज में प्रतिष्ठा पाने वाले होता है।

सप्तम भाव में मंगल हो तो...

जन्मकुंडली में सप्तम भाव में मंगल हो तो वह व्यक्ति रोगी, गलत कार्य करने वाला, दुखी, पापी, निर्धन और पतले शरीर वाला होता है।

अष्टम भाव में मंगल हो तो...

यदि कुंडली के अष्टम भाव में मंगल हो तो ऐसा व्यक्ति अल्पायु, कुरूप, दुखी और निर्धन होता है।

नवम भाव में मंगल हो तो...

जन्मकुंडली में नवम भाव में मंगल होने पर व्यक्ति कार्य करने में अक्षम, हिंसक, धर्महीन, पापी फिर भी सम्मान प्राप्त करने वाला होता है।

दशम भाव में मंगल हो तो...

कुंडली के दसवें घर में मंगल हो तो व्यक्ति सभी कार्य करने में दक्ष, अजेय, श्रेष्ठ पुरुष, पुत्र सुख प्राप्त करने वाला होता है।

एकादश भाव में मंगल हो तो...

कुंडली के ग्यारवें भाव में मंगल व्यक्ति को गुणी, सुखी, धनवान, पुत्रवान और सुखी बनाता है।

द्वादश भाव में मंगल हो तो...

कुंडली के बाहरवें भाव में मंगल हो तो वह व्यक्ति आंखों का रोगी, चुगलखोर, क्रूर होता है। ऐसा व्यक्ति के जीवन में जेल भोगने के भी योग बन सकते हैं।

ध्यान रहे मंगल के प्रभावों पर विचार करते समय कुंडली के अन्य ग्रहों की स्थिति भी विचारणीय है। सभी ग्रहों की स्थिति भी अध्ययन करनी चाहिए। कुंडली के लग्न और ग्रहों की स्थिति से यहां बताए गए प्रभाव बदल भी सकते हैं।