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Friday 31 August 2012

ऐसे सिद्ध करें काली हल्दी, बेशुमार दौलत मिलेगी

तंत्र शास्त्र में काली हल्दी का उपयोग अनेक क्रियाओं में किया जाता है लेकिन इसके पहले इसे सिद्ध करना पड़ता है। इसकी विधि इस प्रकार है-

- धन प्राप्ति के लिए काली हल्दी यानी हरिद्रा तंत्र की साधना शुक्ल या कृष्ण पक्ष की किसी भी अष्टमी से शुरु की जा सकती है। इसके लिए पूजा सूर्योदय के समय ही की जाती है।

- सुबह सूर्यादय से पहले उठकर स्नान कर पवित्र हो जाएं।

- स्वच्छ वस्त्र पहनकर सूर्योदय होते ही आसन पर बैठें। पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। ऐसा स्थान चुनें, जहां से सूर्यदर्शन में बाधा न आती हो।

- इसके बाद काली हल्दी की गाँठ का पूजन धूप-दीप से पूजा करें। उदय काल के समय सूर्यदेव को प्रणाम करें। आपके समक्ष रखी काली हल्दी की गाँठ को नमन कर भगवान सूर्यदेव के मंत्र 'ओम ह्रीं सूर्याय नम:' का 108 बार माला से जप करें।

- यह प्रयोग नियमित करें ।



- पूजा के साथ-साथ अष्टमी तिथि को यथासंभव उपवास रखें व ब्राह्मणों को भोजन कराएं।

- हरिद्रा तंत्र की नियम-संयम से साधना व्रती को मनोवांछित और अनपेक्षित धन लाभ होता है। रुका धन प्राप्त हो जाता है। परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस तरह एक हरिद्रा यानि हल्दी घर की दरिद्रता को दूर कर देती है। 




अद्भुत मंत्र, जो दिलाता है पितृ दोष से मुक्ति

धर्म शास्त्रों के अनुसार मंत्रों में इतनी शक्ति होती है कि वह सभी प्रकार की बाधाओं का नाश कर सकती है। यदि मंत्र जप पूरे विधि-विधान से किया जाए तो ऐसी कोई बाधा या दोष नहीं जिसका निवारण नहीं हो सकता। नीचे ऐसा ही एक मंत्र दिया गया है जिसका जप करने से पितृ दोष का प्रभाव अप्रत्याशित रूप से कम हो जाता है व पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष में इस मंत्र का जप करना श्रेष्ठ रहता है इसके अलावा प्रत्येक मास की अमावस्या तिथि को भी इसका जप कर सकते हैं।



मंत्र

ऊँ सर्व पितृ प्रं प्रसन्नों भव ऊँ



जप विधि

- पितृ पक्ष में प्रत्येक दिन व प्रत्येक मास की अमावस्या तिति को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर भगवान सूर्य नारायण की ओर मुख करके उनका पूजन करें व अध्र्य दें।

- इसके बाद कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करें।

- कम से कम 5 माला जप अवश्य करें।

- एक ही समय, स्थान, माला व आसन होने से शीघ्र लाभ होता है।



लोन चुकाना है, पैसों की परेशानी है, बस ये करें...

लोन लेना बहुत जरूरी था लेकिन आज तक नहीं चुका पाएं और यही टेंशन है कि कैसे चुका पाएंगे तो ज्योतिष के अनुसार मंगल देव के उपाय कर के देखें। कुछ ही दिनों में आपका लोन पूरी तरह चुक जाएगा। ज्योतिष में लोन, उधार और ऋण का कारक ग्रह मंगल को ही माना गया है। ज्योतिष के नजरिये से देखें तो मंगल देव की कृपा से ही आपकी लोन की टेंशन खत्म हो जाएगी।



क्या उपाय करें मंगल देव के लिए-

- मंगल देव के अनुसार रोज लाल गाय की पूजा करें।

- लाल कपड़े में मसुर की दाल रखकर दान दें।

- हर मंगलवार हनुमान जी को तेल का दीपक लगाएं।

- बजरंग बाण के पाठ करें।

- बहती नदी में तांबे के पात्र में गुड़ रखकर दान दें।

- रात को सोते समय तांबे के बर्तन में पानी भर कर सोएं  और सुबह कांटेदार पेड़ पोधे में डाल दें।

- मंगलवार को हनुमान मंदिर में लाल कपड़े, गुड़ चने आदि का दान दें।

- 21 मंगलवार तक हनुमान जी को चमेली का तेल, केवड़े का इत्र और 5 गुलाब के फूल चढ़ाएं।



सम्मोहन का एक ऐसा मंत्र जो आपकी किस्मत चमका देगा

सम्मोहन क्या है? कोई जादू है या चमत्कार है जिससे इंसान अपने मनचाहे काम किसी दूसरे इंसान से करवा सकता है। सम्मोहन को समझना हर कोई चाहता है क्योंकि सभी समझते हैं कि सम्मोहन वह कला है जो अगर आपको आ जाए तो आप किसी को भी अपने बस में कर सकते हैं। दरअसल ये इसी कारण होता है क्योंकि हम सम्मोहन का वास्तविक अर्थ नहीं समझ पाते हैं। अधिकतर लोग समझते हैं कि सम्मोहन वह अवस्था है जिसमें मनुष्य अवचेतनअवस्था में रहता है। न तो वह जागता रहता है न ही वह सोता रहता है। उसकी इंद्रिया उसके वश में होती है। वह सब कुछ करता है लेकिन सम्मोहन करने वाले के इशारों पर। 

वह अपने निर्णय लेने की स्वतंत्रता में नहीं होता है।

हां यह बात सही भी है। लेकिन भगवान ने हम सभी को भीतर एक सम्मोहन दिया है जिसे हम समझ नहीं पाते हैं। लेकिन एक सच और है वह यह कि सम्मोहित वही होता है जो होना चाहता है। हम सब के भीतर अवचेतन मन में एक सम्मोहन क्षमता है। यही कारण है कि जब हम अपने अंतर मन की आवाज को वाकई सुनते हैं। ऐसा अक्सर लोगों के साथ तब होता है जब उन्हें तुरंत निर्णय लेना होता है और वह फैसला सही साबित होता है। यही कारण है कि जब हम कठिन परिस्थिति में कोई निर्णय लेते हैं तो हमें चमत्कारिक परिणाम मिलते हैं क्योंकि वही समय होता है जब चेतन मन और अवचेतन मन का संधि काल होता है।

इसका कारण यही है कि उस अवस्था में हम अपने अवचेतन मन की आवाज सुन रहे होते हैं बस यही सम्मोहन कला है। उस समय मन का वश आपके ऊपर नहीं चलता बल्कि आप मन पर अपना वश चला रहे होते हैं। जैसे जब हमें गुस्सा आता है तो हम उस पर नियंत्रण नहीं कर पाते। लेकिन बाद में हमें अपने ही गुस्से पर गुस्सा आने लगता है। कारण यही है कि उस समय हमारा पूरा ध्यान गुस्से पर होता है न कि किसी और चीज पर। उस समय हम सम्मोहन में होते हैं अपने गुस्से के सम्मोहन में।

बस ऐसा ही जीवन में हर चीज को पाने के लिए सम्मोहन का सिद्धांत ही काम करता है। जब आप किसी चीज पूरी तरह ध्यान लगा रहे होते हैं तो वह आपकी तरफ अपने आप चली आती है। बस देर है तो मन को याद दिलाने की। आपकी जरूरत क्या है यह याद करने की। जब आप किसी चीज को बार-बार मन को दोहराते हैं और सोच को सकारात्मक रखते हैं तो ऐसी कोई चीज नहीं जिसे आप नहीं पा सकते हैं या कहें सम्मोहित कर सकते हैं। अगर आप ऐसा करने लगेंगे तो ये सारी सृष्टि आपके लिए काम करने लगेगी आपको सहयोग करने लगेगी।















कल शनिवार को पीपल के नीचे करें ये उपाय, खत्म होगा बुरा समय

अधिकांश लोगों को शनि दोष की वजह से जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार शनि को न्यायाधिश का पद प्राप्त है। अत: सभी लोगों के अच्छे-बुरे कर्मों का फल शनिदेव प्रदान करते हैं। इसी वजह से इन्हें क्रूर देवता माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो तो उसे जीवनभर संघर्ष देखना पड़ता है।

शनि के बुरे प्रभावों को दूर करने या कम करने के कई उपाय बताए गए हैं। शनिवार के दिन शनि दोषों से निवारण के लिए कुछ खास उपाय हैं, जिन्हें अपनाने से निश्चित ही व्यक्ति को लाभ प्राप्त होता है। यदि आप भी शनि की वजह से जीवन में अत्यधिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो यह उपाय प्रति शनिवार को करें।

प्रति शनिवार ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर पवित्र हो जाएं। नीले रंग के वस्त्र धारण करें। किसी पीपल के वृक्ष की ओर जाएं। अपने साथ दीपक, तेल, रुई की बत्ती आदि पूजन सामग्री भी साथ ले जाएं। इसके बाद पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर शनि देव का ध्यान करें और अशुभ प्रभावों को दूर करने की प्रार्थना करें।

इस प्रकार तैयार करें दीपक?

ध्यान रहे दीपक ऐसा हो जिसके चार मुख हो मतलब जिस दीपक को एक साथ चार जगह से जलाया जा सके। इस प्रकार दीपक में दो रुई की लंबी बत्तियां लगाएं और दोनों बत्तियों के चार मुंह दीपक से बाहर निकालें। अब चारों ओर से दीपक को जलाएं।

यह दीपक पीपल के वृक्ष के नीचे रखें और शनिदेव से प्रार्थना करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष की सात परिक्रमा लगाएं।

पुन: घर लौटकर एक कटोरी में तेल लें, उसमें अपना चेहरा देखें और इस तेल का दान करें। इस प्रकार यह उपाय अपनाने से शनि दोषों का प्रभाव अवश्य कम हो जाएगा। ध्यान शनि बुरे कर्मों का बुरा फल देते हैं अत: बुरे कर्मों से दूर रहें। अन्यथा और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।


गुरु-शनि की राशि में बुध, किसी को पैसा मिलेगा तो किसी को परेशानियां...

पूर्व में बताया गया था कि मेष लग्न की कुंडली में सप्तम और अष्टम भाव में बुध हो तो क्या प्रभाव पड़ता है? अब जानिए यदि किसी व्यक्ति की मेष लग्न की कुंडली के नवम एवं दशम भाव में बुध हो तो क्या फल प्रदान करता है-

मेष लग्न की कुंडली में बुध नवम भाव में हो तो...

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली मेष लग्न की है और उसके नवम भाव में बुध स्थित है तब उस व्यक्ति को भाग्य का साथ बहुत कम प्राप्त होगा। नवम भाव गुरु की धनु राशि है। इस भाव में बुध होने से व्यक्ति को कड़ी मेहनत के बाद ही सफलता और पैसा प्राप्त कर पाता है।  शत्रुओं के संबंध में व्यक्ति को विजय मिलेगी। इन लोगों का भाग्य भाई-बहनों के संबंध में साथ देता है। इन्हें छोटी-छोटी सफलताओं के लिए कड़ी मेहनत करना पड़ती है।

मेष लग्न की कुंडली के दशम भाव में बुध हो तो...

कुंडली में दशम भाव मकर राशि का स्वामी शनि है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली मेष लग्न की है और उसमें शनि की राशि में बुध स्थित है तो व्यक्ति को जीवनभर समाज और पैसों से जुड़ी बहुत सी उपलब्धियां प्राप्ति होती है। दसवां भाव पिता से संबंधित होता है। अत: व्यक्ति को पिता से भी सहयोग प्राप्त होता है। इन लोगों को मेहनत का उचित परिणाम प्राप्त होता है। समाज में इन्हें मान-सम्मान मिलता है। व्यक्ति को माता, भूमि आदि के संबंध में सुख की कमी रहती है।

आगे पढि़ए मेष लग्न की कुंडली में बुध यदि एकादश या द्वादश भाव में हो तो, क्या फल प्राप्त होते हैं...




लकी चार्म: निकल पड़ेगी प्यार पैसा और करियर की गाड़ी

किस्मत, प्यार और पैसों से जुड़ी हर परेशानी को दूर करना है तो राशि अनुसार लकी  चार्म का उपयोग करें। अगर लकी चार्म अपने साथ रखें तो प्यार और पैसों में भी किस्मत का हमेशा साथ मिलता है।

जी हां, ज्योतिष के अनुसार हर राशि का किसी न किसी वस्तु पर अपना विशेष प्रभाव होता है। ऐसी वस्तुए हमेशा साथ रखने से राशि और ग्रहों का शुभ प्रभाव पड़ता है। ये वस्तएं लकी चार्म कहलाती है। अगर आप चाहते हैं आपके हर काम बने तो लकी चार्म अपने पास रखें।



मेष- मेष राशि वाले लकी चार्म के रूप में लाल हकीक अपने साथ रखें।

वृष- वृष राशि वाले अगर सफेद कोड़ी को लकी चार्म के रूप में अपने पास रखें तो किस्मत हमेशा साथ देती है।

मिथुन- गणेश रूद्राक्ष मिथुन राशि वालों के लिए लकी रहेगा।

कर्क- आपकी राशि का स्वामी चंद्रमा है इसलिए चांदी का चंद्रमा कर्क राशि वालें हमेशा अपने साथ रखे तो हर काम बनते चले जाएंगे।

सिंह- सिंह राशि वालें सोने या तांबे का बना सूर्य का लॉकेट साथ में रखें या पहनें यही आपका लकी चार्म होगा।

कन्या- राशि के अनुसार गणेश जी का लॉकेट आपके लिए लकी चार्म साबित होगा।  इसे पहने या अपने साथ रखें।

तुला- इस राशि वालों के लिए लकी चार्म के रूप में गौमती चक्र सर्वश्रेष्ठ रहेंगे।

वृश्चिक- मंगल की इस राशि के लोग हाथी दांत से बनी किसी भी वस्तु का लॉकेट गले में पहनें या अपने साथ रखें।

धनु- इस राशि का स्वामी गुरु है इसलिए आप हल्दी की गांठ को अपना लकी चार्म बनाएं।

मकर- फिरोजा रत्न लॉकेट में बना कर पहने तो वो आपके लकी चार्म का काम करेगा।

कुंभ- शनि देव की राशि के लोग अष्ट धातु की अंगुठी को अपना लकी चार्म बना कर पहनें।

मीन- इस राशि के लोग लकी चार्म के लिए गोल्ड से बनी कोई भी वस्तु अपने साथ रख सकते हैं।



श्राद्ध पक्ष में क्या करें, क्या न करें?

पितरों को तृप्त करने वाला श्राद्ध पक्ष का आरंभ हो चुका है। हमारे धर्म शास्त्रों में श्राद्ध पक्ष के दिनों में कई कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस दौरान कुछ खास कार्य किए जाने चाहिए जिनसे हमारे पितर खुश होते हैं।

ऐसा माना जाता है कि यदि हमारे पितर हमसे संतुष्ट नहीं होंगे तो भगवान भी हमें कोई शुभ फल प्रदान नहीं करते हैं इसलिए पितरों को प्रसन्न रखने के लिए वर्जित कार्यों से दूर रहना चाहिए।

श्राद्ध में वर्जित कार्य

इन दिनों हमें पान नहीं खाना चाहिए। बॉडी मसाज या तेल की मालिश नहीं करना चाहिए। किसी और का खाना नहीं खाना चाहिए। इन दिनों के लिए विशेष रूप से संभोग को वर्जित किया गया है। इन नियमों का पालन न करने पर हमें कई दु:खों को भोगना पड़ता है। इन दिनों खाने में चना, मसूर, काला जीरा, काले उड़द, काला नमक, राई, सरसों आदि वर्जित मानी गई है अत: खाने में इनका प्रयोग ना करें।

श्राद्ध में यह कार्य करें

श्राद्ध के दिनों में तांबे के बर्तनों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। पितरों का श्राद्ध कर्म या पिण्डदान आदि कार्य करते समय उन्हें कमल, मालती, जूही, चम्पा के पुष्प अर्पित करें। श्राद्धकाल में पितरों के मंत्र (ऊँ पितृभ्य स्वधायीभ्य स्वधा नम: पितामयभ्य: स्वधायीभ्य स्वधा नम: प्रपितामयभ्य स्वधायीभ्य स्वधा नम:) का जप करें। इस मंत्र से पितरों सहित सभी देवी-देवता आपसे प्रसन्न होंगे।




घर में इस दिशा में श्री गणेश बैठाकर करें पूजा..चलेगा दिमाग, मिलेगा पैसा

बुद्धि, ज्ञान और धन जीवन की ऐसी जरूरते हैं, जिनमें से एक के भी अभाव से पैदा रुकावटें जीवन में निराशा और असफलता ही लाती है। इन जरूरतों और विघ्रों से बचने के लिए ही हिन्दू धर्म में भगवान गणेश की पहली पूजा शुभ मानी गई है।

खासतौर पर घर में श्री गणेश की स्थापना सुख-समृद्ध बनाने वाली मानी गई है। वैसे तो किसी भी रूप में गणेश पूजा अशुभ नहीं, किंतु शास्त्रों में बताई दिशा को ध्यान रख भगवान गणेश की प्रतिमा देवालय में रखी जाए तो यह अपार बुद्धि, धन और ज्ञान की कामनाएं सिद्ध करती हैं। जानते हैं कौन-सी है यह दिशा?

शास्त्र लिखते हैं कि -

हेरम्बं तु यदा मध्ये ऐशान्यामच्युतं यजेत्।

आग्रेय्यां पञ्चवक्त्रं तु नैऋत्यां द्युमणि यजेत्।

वायव्यामम्बिकां चैव यजेन्नित्यमतन्द्रित:।।

इस मंत्र द्वारा बताया गया है कि घर की ईशान यानी उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित देवालय में भगवान गणेश की प्रतिमा पश्चिम दिशा की ओर मुख कर रखें। अगर पंचदेवता बैठाएं तो श्री गणेश को बीच में विराजित करें।

- श्री गणेश से ईशान दिशा यानी उत्तर-पूर्व में श्री विष्णु,

- आग्रेय यानी दक्षिण-पूर्व में शंकर, 

- नैऋत्य यानी दक्षिण-पश्चिम में सूर्य और

- वायव्य यानी उत्तर-पश्चिम दिशा में मां दुर्गा बैठाएं।

शास्त्रों में ईशान दिशा स्वर्ग की दिशा और इस दिशा में मुख कर मंत्र ध्यान या जप ज्ञान और ज्ञान से बुद्धि व धन की वृद्धि करने वाला माना गया है।



आने से पहले कुछ ऐसे इशारे करती है धन लक्ष्मी..

जी हां, अगर लक्ष्मी आप पर खुश है तो आपको उसका इशारा या संकेत जरूर मिलेगा। हमारे दैनिक जीवन में कई बातें, इशारें या संकेत ऐसे होते है जो होते तो सामान्य है लेकिन हम उन पर ध्यान नहीं देते या उन्हे सही समय पर समझ नहीं पाते। अगर उनको समझा जाए तो धन संबंधित कोई बड़ा लाभ हो सकता है।



जानें, वो कैसे संकेत हैं जो लक्ष्मी खुश होने पर आपको देती है।

अगर आपके शरीर के दाहिने भाग में या सिधे हाथ में खुजली हो रही है तो समझे लक्ष्मी आने वाली है।

- बैंक में पैसे जमा करने जाते वक्त अगर रास्ते में गाय आ जाए तो आपके धन संबंधित सभी काम पूरे होते हैं।

- अगर रास्ते मे सुंदर स्त्री या कन्या दिख जाए तो भी इसे शुभ मानना चाहिए।

- लेन-देन के समय भी पैसा हाथ से छूट जाए तो समझना चाहिए धन लाभ होगा।

- अगर आपके यहाँ सोकर उठते से ही सुबह सुबह कोई भिखारी मांगने आ जाए तो ये समझना चाहिए आपके द्वारा दिया गया पैसा (उधार) बिना माँगे वापस आ जाएगा। ऐसे व्यक्ति को कभी खाली हाथ न लौटाएं।

- अगर आप धन संबंधित काम के लिए कहीं जाने के लिए कपड़े पहन रहे हैं और जेब से पैसे गिरें तो यह आपके लिए धन प्राप्ति का संकेत हैं।

- कहीं जाते समय नेवले द्वारा रास्ता काटना या नेवले का दिखना शुभ संकेत होता है। नेवला दिखना धन लाभ का संकेत होता है।

- आप सोकर उठे हों और उसी समय नेवला आपको दिख जाए तो गुप्त धन मिलने की संभावना रहती है।

- दिन में नेवला दिखना ठीक नहीं माना जाता, फिर भी कई स्थानों पर यह काल से बचाने वाला, धन प्राप्ति कराने वाला होता है।



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