Search This Blog

Friday 31 August 2012

बड़ी सफलताओं के द्वार खोल देता है यह छोटा-सा गणेश मंत्र

जीवन में दु:ख और निराशा से बचना है तो हमेशा आगे बढऩे का जज्बा बनाए रखना बहुत जरूरी है। बस, यही एक सूत्र थाम लें, तो किसी भी बुरी से बुरी हालात से दो-चार होकर उसे मात देना आसान हो जाता है। इस तरह जीवन के हर दिन, हर कदम पर किसी न किसी रूप में जीत व सफलता मायने रखती है। किंतु इसके लिए ज्ञान और गुण संपन्नता भी बहुत जरूरी है।

हिन्दू धर्म शास्त्रों में इन दो खूबियों के दाता भगवान श्री गणेश को ही माना गया है। भगवान गणेश बुद्धिदाता, गुणदाता, ज्ञानप्रदाता हैं। बुधवार को शास्त्रों में बताए एक छोटे-से गणेश मंत्र विशेष का स्मरण बड़े-बड़े लक्ष्य को आसानी से भेद सफलतम बनाने वाला माना गया है। जानें इसी मंत्र विशेष व पूजा, जप की आसान विधि -

- बुधवार के दिन किसी भी वक्त किंतु स्नान के बाद भगवान गणेश की पूजा करें।

- पूजा में श्री गणेश को लाल चन्दन, कनेर के फूल, दूर्वा चढ़ाएं व मोदक का भोग लगाएं।

- धूप बत्ती और घी का दीप लगाकर पूर्व दिशा में लाल आसन पर बैठ मूंगे या चन्दन की माला से नीचे लिखा गणेश मंत्र कम से कम 108 बार बोलें। विधान अनुसार सवा लाख जप शीघ्र फलदायी होता है। सुविधानुसार यह जपसंख्या लगातार 10 दिन या बुधवार व चतुर्थी के दिनों में पूरा कर सकते हैं -

ॐ वर वरदाय विजय गणपतये नम:।

- मंत्र जप के बाद क्षमाप्रार्थना कर श्री गणेश की आरती के साथ मनचाही सफलता की कामना करें। यथाशक्ति कन्याभोज कराएं।

No comments:

Post a Comment