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Friday 31 August 2012

आयुर्वेद से जुड़ी ये बाते हैं अजीब लेकिन सच!

आयुर्वेद एक संपूर्ण विज्ञान है, जिसके कई पहलूओं को जानना आज के विज्ञान के लिए चुनौती है। आयुर्वेद के ग्रन्थ चरक संहिता के इन्द्रिय स्थान में किसी रोगी के ठीक होने के लक्षणों तथा मृत्यु सूचक लक्षणों को देखकर पहचानने का वर्णन है,जो बड़ा रोचक है ऐसे ही कुछ रोचक पहलूओं को आपके समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है:-

-यदि रोगी दही ,अक्षत,अग्नि,लड्डू ,बंधे हुए पशु, बछडे  के साथ गाय ,बच्चे के साथ स्त्री,सारस ,हंस,घी.सैंधा नमक ,पीली सरसों ,गोरोचन,मनुष्यों से भरी गाडी आदि देखता हो तो आरोग्य प्राप्त  करता है।

-रोगी द्वारा अच्छी सफ़ेद वस्तुओं को देखना,मधुर रस ,शंख ध्वनि सुनना आदि भी शीघ्र ठीक होने के लक्षण बताये गए हैं ।

 -ऐसे ही आयुर्वेद में स्वप्न से सम्बंधित अरिष्ट लक्षणों को भी बताया गया है-जैसे यदि व्यक्ति सपने में स्नान और चन्दन का लेप किया हुआ दिखे तहा मक्खियाँ उसके शरीर पर बैठी हों तो वह व्यक्ति मधुमेह से पीडि़त होकर मृत्यु को प्राप्त होगा ऐसा वर्णित है।

-ऐसे ही जो व्यक्ति स्वयं को सपने में नग्न देखता है,तथा संपूर्ण शरीर में घृत लगाया हुआ ,तथा जिस अग्नि में  ज्वाला नहीं है उसमें हवन करता हुआ देखता है वैसे व्यक्ति के असाध्य त्वचा रोगों से पीडि़त होकर मृत्यु क ी संभावना बतायी गयी है।

-जो व्यक्ति हमेशा ध्यान में रहे तथा श्रम न करने पर भी थकान महसूस करे ,बिना कारण बैचैन हो,जहां मोह नहीं करना चाहिए वहां मोह करे,पूर्व में क्रोधी न हो पर अचानक क्रोधी स्वभाव का हो जाय,मूर्छा एवं प्यास से पीडि़त हो तो समझें वह मानसिक रोग से पीडि़त हो जाएगा।

-यदि रोगी व्यक्ति स्वप्न में कुत्ते ,ऊंट क़ी  सवारी करता हुआ दक्षिण दिशा क़ी ओर जाता हो तथा विचित्र प्रकार की आकृतियों  के साथ मदिरा पान करता हुआ स्वयं को देखता हो तो वह रोगों के समूह यक्ष्मा से पीडि़त होगा ,ऐसा वर्णित है।

-यदि व्यक्ति किसी जल भरे तालाब या नदी में जहां जाल नहीं बिछाया गया है जाल देखता है तो उसकी मृत्यु निश्चित है, ऐसा जानें।

-यदि रोगी के उदर पर सांवली,ताम्बे के रंग क़ी ,लाल,नीली ,हल्दी के तरह क़ी रेखाएं उभर जाएँ तो रोगी का जीवन खतरे में है, ऐसा बताया गया है।

-यदि व्यक्ति अपने केश एवं रोम को पकड़कर खींचे और वे उखड जाएँ तथा उसे वेदना न हो तो रोगी क़ी आयु पूर्ण हो गयी है, ऐसा मानना चाहिए।

 - व्यक्ति  स्वप्न में अपने शरीर पर लताएं उत्पन्न देखे  और पछी  उसपर घोंसले बनाकर रहे हुए दिखें तो उसके जीवन में संदेह है इसी प्रकार यदि स्वप्न में व्यक्ति यदि अपना बाल उतरा हुआ देखे तो भी वह रोगी होगा  ऐसा उल्लेखित है।

-जिस व्यक्ति का श्वांस छोटा चल रहा हो तथा उसे कैसे भी शान्ति न मिल रही हो तो उसका बचना मुश्किल है।

-यदि रोगी व्यक्ति स्वप्न में पर्वत ,हाथी घोड़े पर स्वयं को या अपने हितैषियों को चढ़ते हुए देखता है,साथ ही समुद्र या नदी में तैरते हुए उसको पार करता हुआ देखता है ,चन्द्रमा,सूर्य एवं अग्नि  को प्रकाशित देखता है  तो वह आरोग्य को प्राप्त होगा।

-इसी प्रकार व्यक्ति का थूक या मल पानी में डूब जाय तो आयुर्वेद के ऋषियों केअनुसार उसकी मृत्यु निश्चित मानना चाहिए।

संभवत: आयुर्वेद के मनीषियों द्वारा व्यापक अनुभव के आधार पर एकत्रित यह ज्ञान, चिकित्सकों एवं रोगी के परिवारजनों की जानकारी के लिए रोगी के ठीक होने और न होने की संभावना को व्यक्त करने के उद्देश्य से बताये गए हों,जो आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। 


घर में लगाएं नाचते हुए श्रीगणेश का चित्र क्योंकि...

भगवान श्रीगणेश आदि व अनन्त हैं। पुरातन काल से ही भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले करने का विधान है। भगवान गणेश की पूजा कई रूपों में की जाती है जैसे- लंबोदर, शूपकर्ण, एकदंत आदि। भगवान गणेश के हर स्वरूप का अपना एक अलग महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन के दरवाजे के ऊपर भगवान गणेश की तस्वीर लगाना अति शुभ होता है। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं हो पाता।

वास्तु शास्त्रियों की मानें तो घर में नाचते हुए गणेश की तस्वीर लगाना अति शुभ होता है। इस स्वरूप में भगवान गणेश अति प्रसन्न नजर आते हैं। इस तस्वीर से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है तथा सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा स्वत: ही घर से बाहर चली जाती है। नाचते हुए गणेश की तस्वीर को देखने से मन प्रफुल्लित होता है तथा मन को शांति प्राप्त होती है जिससे घर में संपन्नता का वास होता है। यह तस्वीर घर में ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए जहां बार-बार नजर आए जिससे कि इसका प्रभाव मनोमस्तिष्क पर बना रहे।


गणेश चतुर्थी: करें यह साधारण टोटका और बन जाएं धनवान

भगवान गणेश बुद्धि, ज्ञान और विवेक के साथ धन सुख देने वाले देवता के रूप में भी पूजे जाते हैं। जहां आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति अपनी दरिद्रता से मुक्त होना चाहता है। वहीं धनी भी यही कामना करता है कि उसे कभी गरीबी का मुंह न देखना पड़े। इसलिए यहां हम आपको बता रहे हैं एक ऐसा सरल टोटका जिससे न केवल धन लाभ होगा बल्कि आपको कभी धन का अभाव भी नहीं सताएगा।

टोटका

आंकड़े के पौधे में भगवान गणेश का वास माना जाता है। इसलिए इसकी जड़ बहुत ही शुभ फल देने वाली मानी जाती है। खासतौर पर धन लाभ की दृष्टि से यह बहुत प्रभावी मानी गई है। अनेक तंत्र क्रियाओं में आंकड़े की जड़ का उपयोग होता है।

आंकड़े की जड़ को जलाएं। उसकी राख बना लें।  आंकड़े की इस भस्म से परिवार के हर सदस्य को टीका लगाएं। माना जाता है कि यह आंकड़े की भस्म का तिलक घर-परिवार में अपार धन लाभ देता है। जब भी आप आर्थिक तंगी से ज्यादा परेशान हो। इस भस्म का तिलक लगाएं।

इस तरह आंकड़े की जड़ बहुत ही शुभ और पवित्र मानी जाती है। यह श्री यानि सुख-समृद्धि देती है, जिससे जीवन में असुरक्षा का भाव मिटता है और ईश्वर में आस्था बढ़ती है।

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